कार्डियक एमआरआई बताएगा दिल का दौरा पडऩे से हृदय की मांसपेशियां कितनी हुई क्षतिग्रस्त : डा. बंसल
एसएसबी अस्पताल ने शुरू की फरीदाबाद की पहली कार्डियक एम.आर.आई
फरीदाबाद। चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एस.एस.बी. हार्ट एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ने दिल की संरचना और कार्य का सटीक आकलन के लिए फरीदाबाद का पहला कार्डियक एम.आर.आई. शुरू किया है। अस्पताल अभी तक हार्ट की एम.आर.आई. के कई केस कर भी चुके है। अस्पताल के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने बताया कि कार्डियक एम.आर.आई. का मुख्य लाभ यह है कि यह बिना बायोप्सी के ही हृदय रोग का सटीक से सटीक निदान करने के लिए बता सकता है, जो मरीज दिल का दौरा पडऩे के बाद अस्पताल में बहुत देर से आते हैं, उन रोगियों के हृदय की मांसपेशियों में कितनी क्षति हुई है, यह कार्डियक एम.आर.आई. में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है तथा उससे यह पता चल जाता है कि मरीज की एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी करने से उसकी हृदय मांसपेशियों को ठीक होने में कितनी मदद मिलेगी। डा. बंसल ने बताया कि कार्डियक एम.आर.आई. एकमात्र ऐसा टेस्ट है जो आपको बता सकता है कि मरीज के हृदय की मांसपेशीयों में सूजन है या नहीं और यह भी बता देता है कि आपका हृदय कमजोर है या नहीं। यह पहले बिना बायोप्सी के संभव नही था और हृदय की बायोप्सी एक बहुत ही जोखिम भरा टेस्ट है। हृदय रोगी के उपचार का निर्णय लेने के लिए यह जानकारी हृदय रोग विशेषज्ञ के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होती है। श्री बंसल ने बताया कि हृदय रोगी जिन की आनुवंशिक स्थिति हाइपर ट्राफिक कार्डियोमायोपैथी कहलाती है जिसमें हृदय की मांसपेशियों का हिस्सा बहुत मोटा हो जाता है इसमें कार्डियक एम.आर.आई. में अचानक हृदय गति रूकने से होने वाली मृत्यु के जोखिम का आकलन करने में भी मदद मिलती है। अत्याधिक कमजोर हृदय व आकार में बढें हुए हृदय को पहचाने में मदद करता है तथा यह बताता है कि कि हृदय रोग के लिए आयरन, अमलियोडोसिस, सारकॉइड या ग्लाइकोजन आदि का जमाव जिम्मेदार है या नही यह सब जानकारी पहले दिल की बायोप्सी के बिना संभव नही थी । एस.एस.बी अस्पताल में रेडियोलॉजी विभाग में डाक्टरों की टीम है जिसका संचालन डॉ. कमल अग्रवाल करते है जो कि हृदय एम.आर.आई करने के विशेषज्ञ भी है।