कोरोना के साथ ही मानसून सीजन में मच्छर जनित बीमारियों डेंगू , मलेरिया तथा चिकनगुनिया से बचने की जरुरत। डाॅ रणदीप सिंह पुनिया
मानसून सीजन में मच्छर जनित बीमारियों जैसे -डेंगू , मलेरिया तथा चिकनगुनिया से बचाव व रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों से इनसे बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने का आह्वान किया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन रणदीप सिंह पुनिया ने बताया कि मानसून के मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियां अधिक फैलती है। ऐसे में जरूरी है कि इन बीमारियों से बचाव को लेकर पहले से ही आवश्यक कदम उठाएं जाएं। सिविल सर्जन ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान जिलावासियों विशेषकर बच्चों को डायरिया व अन्य जल जनित बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाने अत्यंत आवश्यक है।
मलेरिया, डेंगू तथा चिकनगुनिया बीमारियों के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि मलेरिया फैलाने वाला एनोफलिस मादा मच्छर खड़े पानी में पनपता है और वह रात को काटता है। मलेरिया की रोकथाम के लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे या तो मच्छर पैदा ना होने दे और पैदा हो जाए तो उससे मच्छरदानी या मच्छर भगाने की क्रीम अथवा रिपैलेंट लगाकर स्वयं को बचाएं। इसी प्रकार, डेंगू फैलाने वाला एडीज मादा मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर 200 मीटर क्षेत्र में ही रहता है जिसकी वजह से एक घर में डेंगू होने पर उसके सदस्यों व आस-पास के क्षेत्रों मे डेंगू होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि चिकनगुनिया जानलेवा नहीं है, यह वायरल बुखार की तरह ही होता है जिसमें जोड़ो में दर्द होता है।
उन्होंने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे सप्ताह में एक बार कूलर के पानी को पूरी तरह खाली करके उसे सुखाएं। इसी प्रकार, घर के पास टूटे हुए मटकों, गमलो, फूलदानों, टायरों आदि में पानी इक्कठा ना होने दें। घर की छत पर पानी ना रूकने दें। डेंगू से बचाव का एक ही तरीका है और वह है सावधानी रखना। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के बिना डेंगू की दवा ना ले क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।