डीएलएफ केंद्र सरकार से आगामी बजट में करों की उदारता को पीएनजी फयूल के संबंध में साकारात्मक नीति, गुड्स की परचेज में इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी ठोस कार्यनीति जीएसटी पोर्टल का सरलीकरण करने की मांग करता है। जे पी मल्होत्रा
फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा ने केंद्र सरकार से आगामी बजट में करों की उदारता को पीएनजी फयूल के संबंध में साकारात्मक नीति, गुड्स की परचेज में इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी ठोस कार्यनीति जीएसटी पोर्टल का सरलीकरण करने की मांग की है।
पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित विशेष वेबिनार में श्री मल्होत्रा ने कहा कि फरीदाबाद २०० बड़े व २२ हजार एमएसएमई संस्थानों का शहर है, ऐसे में १ फरवरी २०२२ को प्रस्तुत होने वाला बजट फरीदाबाद के औद्योगिक जगत के लिये काफी महत्वपूर्ण है।
श्री मल्होत्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने बजट को व्यवसाय फ्रेंडली होने के साथ-साथ इसमें कर दरों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें न्यूनतम स्तर पर लाया जाना चाहिए। श्री मल्होत्रा ने कहा कि उद्योग प्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था व राजस्व में अपना सहयोग देते हैं ऐसे में वोट बैंक के साथ-साथ उनकी स्थिति और उनकी आवश्यकता पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।
कर ढांचे में सरलीकरण की आवश्यकता पर बल देते श्री मल्होत्रा ने कहा कि टूरिज्म व ट्रांसपोटेशन इंडस्ट्री पर जीएसटी की दर को कम किया जाना चाहिए क्योंकि इससे सरकार को राजस्व मिलेगा, युवा वर्ग को रोजगार और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता।
आपने पीएनजी/फयूल के संबंध में साकारात्मक नीति तैयार करने, जनरेटर सैटों के प्रयोग को लेकर उद्योगहित में नीति तैयार करने, पीएनजी के लिये उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करने, पीएनजी पर इनपुट क्रेडिट देने, पीएनजी पर वैट को कम करने की मांग भी श्री मल्होत्रा ने रखी।
इनपुट टैक्स क्रेडिट पर अपने विचार व्यक्त करते श्री मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी रिफंड को बेहतर बनाने के लिये प्रभावी नीति जरूरी है। आपने कहा कि जीएसटी क्रेडिट यदि पोर्टल पर उपलब्ध है तो उसे तुरंत बैंक में क्रेडिट किया जाना चाहिए।
श्री मल्होत्रा ने डुईंग बिजनेस की बेहतरी के लिये कदम उठाने, रेलवे डिफेंस और स्थानीय निकायों की व्यवस्था को निरंतर बेहतर बनाने, एमएसएमई सैक्टर को प्रभावी बनाने की भी मांग रखी।
हरियाणा में स्थानीय युवाओं को ७५ फीसदी आरक्षण को अव्यावहारिक व असंवैधानिक करार देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि इसके विरूद्ध एकजुट होकर न्यायालय का रूख किया जाना चाहिए।
श्री मल्होत्रा ने अनअप्रूव्ड क्षेत्रों को मान्यता देने, जिन क्षेत्रों में ७० फीसदी या उससे अधिक उद्योग है को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने, इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने, उद्योगों के लिये पीएनजी की दरों के लिये ठोस नीति बनाने की मांग भी की।
आपने कहा कि पीएनजी की दरों में अहमदाबाद व फरीदाबाद में १८ से २० रूपये प्रति यूनिट का अंतर है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। यही स्थिति गुरूग्राम और फरीदाबाद की है जहांं प्रति युनिट २५ से ३० फीसदी का अंतर है।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि बिजली उद्योगों की प्रथम आवश्यकता है यदि यह नियमित रूप से उद्योगों को उपलब्ध कराई जाए तो जनरेटर सैटों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
वेबिनार में पीएचडी के वरिष्ठ उपप्रधान साकेत डालमिया, चेयरमैन इंडस्ट्रीयल कमेटी संदीप अग्रवाल, पूर्व सचिव वाणिज्य मंत्रालय अजय दुआ, सर्वश्री विपिन वोहरा, विश्वनाथ, अजय शंकर, देव गोयल, विक्रम अग्रवाल, मेहित झा, एस पी शर्मा, पवन कोहली, एस एन दुआ, चारू मल्होत्रा, मेजर जनरल एस के दत्त, ए के गुप्ता, विजय राघवन और मनोज मंडल की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। धन्यवाद प्रस्ताव श्री सौरभ सान्याल ने प्रस्तुत किया।