दिल्ली में हिंसा का तांडव, पुलिसकर्मी शहीद, गोली लगने से पांच मरे।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के आड़ में दिल्ली राजधानी को जिस तरह से उपद्रवियों ने दो दिन जला रखा है। आखिर को लोग है क्या आप जनता है या फिर विपक्ष के लोग जिनकी राजनीतिक कुर्सी और रोजी रोटी का संकट आ गया है। है फिर वो पब्लिक जो की नही चाहती कि यह सीएए कानून लागू हो जब देश के अंदर अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली में हो और ऐसी हरकतें , आगजनी हो पेट्रोल पम्प को फूंक दिया गया हो कारों में आग लगा दी गई हो । आखिर देश को बदनाम करने वाले क्या यह लोग आतंकवादी नही है। उपद्रवी यह भी चाहते है कि पुलिस और सुरक्षाबल जितना ज्यादा एक्शन लेगें उतना ज्यादा लोग भड़केगे। और आग फैलेगी । यही कारण है कि पुलिस काफी फूंक फूंक कर कदम रख रही है। सोमवार को जिस तरह से दिल्ली में हुआ वो काफी शर्मनाक रहा । उपद्रवियों ने भजनपुरा में पेट्रोल पंप सहित दो दर्जन दुकानों और घरों को आग लगा दी। इस दौरान गोली लगने से पुलिसकर्मी रतन लाल शहीद हो गए। दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए हैं। घायलों में डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा सहित कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस आयुक्त ने उत्तर-पूर्व जिले के दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अब तक हिंसा में पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
रविवार को जाफराबाद रोड और मौजपुर में हुई थी हिंसा
रविवार को जाफराबाद रोड पर मौजपुर में सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच पथराव के बाद देर रात करावल नगर में शेरपुर चौक पर पथराव व आगजनी की घटना हुई थी, जिसे काबू कर लिया गया था। लेकिन, सोमवार दोपहर 11 बजे एक बार फिर मौजपुर चौक पर सीएए के विरोध में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए।
इस दौरान सीबीएसई बोर्ड परीक्षा देकर लौटे छात्र भी पत्थरबाजों के बीच फंस गए, जिसमें कुछ छात्र जख्मी भी हुए। हालांकि, पुलिसकर्मियों के साथ ही कुछ प्रदर्शनकारियों ने भी छात्रों को सुरक्षित घरों में पहुंचाने का काम किया। दोपहर एक बजे तक हालात इस कदर बेकाबू हो गए कि 50 मीटर की दूरी से दोनों पक्ष एक दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे। कबीर नगर क्षेत्र में पुलिसकर्मियों पर कांच की बोतलें फेंकी जा रही थीं, जिसमें ज्वलनशील पदार्थ और मिर्ची पाउडर भरा था।
अर्द्धसैनिक बलों ने संभाला मोर्चा
इधर बवाल बढ़ता देख मौके पर पहुंचे अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए उपद्रवियों को खदेड़ दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद विजय पार्क के पास फिर सीएए विरोधी पथराव करने लगे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारी गैस का असर कम होते ही फिर आ जा रहे थे। करीब तीन बजे मौजपुर और आसपास के क्षेत्र से पहुंचे सीएए समर्थकों व जाफराबाद के लोगों में पथराव व गोलीबारी शुरू हो गई।
शेरपुर चौक के पास शुरू हो गई आगजनी
इस बीच जाफराबाद रोड और करावल नगर में शेरपुर चौक पर दुकानों व घरों में आगजनी शुरू हो गई। शाम तक एक दर्जन घरों व दुकानों को आग के हवाले किया जा चुका था। दर्जनों वाहनों को भी फूंका जा चुका था। तमाम प्रयास के बावजूद उपद्रवी काबू नहीं आ रहे थे। आगजनी की घटना के करीब एक घंटे बाद भी फायर ब्रिगेड के वाहन घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके थे। दुकानों में लगी आग को स्थानीय लोग खुद ही बुझाने का प्रयास कर रहे थे।
शाहीन बाग से जाफराबाद पहुंचे प्रदर्शनकारी
72 दिनों से शाहीन बाग में चल रहे धरने में सोमवार को बमुश्किल 100 लोग दिखाई दिए। दरअसल, यहां धरने पर बैठे ज्यादातर लोग जाफराबाद पहुंच गए। रविवार से ही शाहीन बाग में मंच से अपील की जा रही थी कि ज्यादा से ज्यादा लोग जाफराबाद व करावल नगर में हो रहे धरना-प्रदर्शन में शामिल हो जाएं।
गृह मंत्रालय ने कहा, दिल्ली में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसा को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है और पुलिस को अतिरिक्त सहायता देते हुए हिंसा को पूरी ताकत के साथ रोकने का निर्देश दिया है। गृहसचिव अजय भल्ला ने स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि पर्याप्त पुलिस बल के साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तैनात हैं।
पुलिस मुख्यालय को घेरने का ऐलान
सरकार जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी द्वारा मंगलवार को दिल्ली पुलिस के नए मुख्यालय को घेरने के ऐलान को लेकर सतर्क हो गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कमेटी के साथ बातचीत कर रहे हैं। संसद मार्ग पर नया दिल्ली पुलिस मुख्यालय राष्ट्रपति भवन और हैदराबाद हाऊस के करीब है, जहां ट्रंप का स्वागत व दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बातचीत होनी है। वैसे तो सरकार हिंसा को ट्रंप की यात्रा से जोड़ने से बच रही है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पूरी हिंसा सुनियोजित थी और इसका उद्देश्य ट्रंप की यात्रा के दौरान माहौल को खराब करने की थी।