यमुना जी का मुक्तिकरण एवं शुद्धिकरण हर हाल में होगा । विपुल गोयल
Citymirrors.in-परम संत प्रवर स्वामी ए एस विज्ञानाचार्य जी महाराज के संरक्षण तथा यमुना रक्षक दल के तत्वाधान में यमुना जी के मुक्तिकरण एवं शुद्धिकरण हेतु भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा सरकार के पर्यावरण व उधोग मंत्री विपुल गोयल ने वृक्षारोपण, यमुना पूजन एवं गौ पूजन के साथ यमुना तट स्थित यमुना रक्षक दल के नए केन्द्रीय कार्यालय पानी गाँव के विशाल मैदान में किया। तत्पश्चात गोविन्दमठ में संकल्प सभा का आयोजन किया गया। ब्रज धाम के अतिरिक्त हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश, बुन्देलखण्ड आदि क्षेत्रों से हजारों किसानों तथा यमुना भक्तों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मौजूद जनसभा को सम्बोधित करते हुए हरियाणा सरकार के पर्यावरण व उधोग मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि यमुना जी का मुक्तिकरण एवं शुद्धिकरण मेरे व्यक्तिगत एजेंडे में सबसे ऊपर है। धार्मिक, वैधानिक एवं पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यमुना जी का अविरल एवं निर्मल होना परमावश्यक है। यमुना जी के अविरलता एवं निर्मलता के लिए जन जागरूकता लाने हेतु मुख्य अतिथि, हरियाणा सरकार के पर्यावरण व उधोग मंत्री विपुल गोयल ने तथ्यगत हैंड बिल का लोकार्पण किया जिसे सभा में आए हजारों यमुना प्रेमियों में वितरित किया गया।
इस अवसर पर यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जय कृष्ण दास ने कहा कि 1994 में हुआ यमुना जल का बंदर बाँट हीं सभी समस्याओं का मूल कारण है जिसपर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। 1994 में यमुना जल के बंटवारे में दक्षिणी हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल एवं नूंह पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, लगभग यही हालत वृन्दावन, मथुरा सहित उत्तरप्रदेश के कई जिलों के साथ भी है। जब यमुना जी को डाक पत्थर में 25 दरवाजों से बाँध दिया जाएगा, उन्हें फिर नहर के माध्यम से 50 किलोमीटर बाद उनके प्राकृतिक मार्ग पर छोड़ा जाएगा तो निष्प्राण पड़ी यमुना जी के उस हिस्से में अवैध खनन एवं अवैध निर्माण को कैसे रोका जा सकेगा। पुनः हथनी कुण्ड में 18 दरवाजे लगाकर पूर्वी एवं पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से यमुना जल का बन्दर बाँट कर दिया गया है। हथनीकुण्ड के आगे यमुना जी के प्राकृतिक मार्ग में यमुना जल बिल्कुल नगण्य मात्रा में है।
फरीदाबाद से आए यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ० आर एन सिंह ने कहा कि यमुना जल के नाम पर फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल एवं नूंह, वृन्दावन, मथुरा सहित उत्तरप्रदेश अन्य जिलों को दिल्ली का औद्योगिक, व्यवसायिक, कृषि तथा घरेलू प्रदूषक, मल – मूत्र मिल रहा है। एक तरफ दिल्ली के लिए यमुनोत्री से यमुना नहर के माध्यम से वजीराबाद में शुद्ध यमुना जल पहूँचाने की व्यवस्था की गयी है जिसमें कोई गंदा नाला नहीं गिरता तो दूसरी ओर हमें मल – मूत्र से आचमन करने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार से इस सन्दर्भ में काफी अपेक्षाएँ हैं।
सभा को हरियाणा सरकार के पर्यावरण व उधोग मंत्री विपुल गोयल, यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जय कृष्ण दास, राजऋषि मुकुन्द जी महाराज, यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ० आर एन सिंह, राष्ट्रीय महासचिव रमेश सिसोदिया के अतिरिक्त विभिन्न किसान नेताओं ने भी सम्बोधित किया। राजऋषि मुकुन्द जी महाराज मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किए।
एक स्वर से प्रस्ताव पारित किया गया कि वर्तमान जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर ज्ञापन सौपा जाएगा तथा उनके प्रतिक्रिया के बाद अगले कदम को उठाया जायेगा। किसी भी कीमत पर यमुनाजी को अविरल तथा निर्मल बनाया जाएगा।