श्री कृष्ण जन्मास्टमी के अवसर पर उमेश भाटी परिवार ने की गौ सेवा।
हिन्दू धर्म में गाय को माता कामधेनू कल्पवृक्ष और सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाली बताया गया है। गाय माता के संपूर्ण शरीर में तैतीस कोटी देवी देवताओं का वास होने का उल्लेख भी शास्त्रों में मिलता है। भगवान श्री कृष्ण भी गौ सवा के अन्नय प्रेमी थे। यह विचार जेजेपी नेता उमेश भाटी ने श्री कृष्ण जन्मास्टमी पर्व के अवसर पर परिवार के साथ पल्ला बाई पास रोड स्थित बाबा सूरदास गौशाला में सेवा करने के दौरान व्यक्त किए । इस मौके पर परिवार के लोगोें ने गाय को माला पहनाकर लापसी एवं गुड़ का भाेग लगाया। गायो को चारा, फल, सब्जियां और आटे की लुई खिलाकर पूजा अर्चना की । इस मौके पर काफी संख्या में गौ भक्तों की भीड़ दिखाई दी। इस मौके पर जेजेपी नेता उमेश भाटी ने बताया कि वैसे तो वह हफ्ते में एक बार यहां जरुर आते है। लेकिन आज क्यों की श्री कृष्ण जन्मास्टमी है और आज गायों की सेवा करना शुभ माना जाता है। इसलिए वह आज पूरे परिवार
के साथ यहां गौसेवा करने पहुंचे। उमेश भाटी ने कहा कि गौ सेवा से ही सच्चे ईश्वर की प्राप्ति होती है। गौ सेवा करने से देवता प्रसन्न होते है जिस घर में गाय की पूजा होती है, उस घर में देवता निवास करते हैं। गौ का संरक्षण कर भारत फिर से महान देशों की श्रेणी में आ सकता हैं । उमेश भाटी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शहर में घूमती आवारा गायों की स्थिति काफी खराब है। हम अपने घर का ग्रीन कूड़ा अगर अलग कर ले। उसे घर से निकलते समय या घूमती गायों को खिलाकर भी गाैसवा कर सकते है। इसके अलावा कूड़ा सड़क पर न फेंककर इक्कों ग्रीन की गाड़ी वाले कर्मचारी को ही दे। सड़कों पर पड़े कूड़े में गाय खाने के लिए मुंह मारती है। वहीं पॉलिथिन में खा जाती है। जिससे उन्हें कई बीमारी लग जाती है। उमेश भाटी ने कहा की गाय हमारी माता के समान है। हमारी माता और बहनें घर में बनी पहली रोटी गाय माता के लिए छोड़ दे । गाय से हमें कितना कुछ प्राप्त होता है। यह हम सब जानते है। लेकिन इन्हें पालने वाले इन्हे मतलब पूरा होने पर सड़कों पर आवारा यू ही छोड़ देते है। उमेश भाटी ने कहा कि जो लोग शहर में गौशाला चलाकर गायों की सेवा कर रहे है। सही मायने में वह लोग माता की सेवा कर रहे है। भगवान की सेवा कर रहे है। उमेश भाटी ने कहा कि वह सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम से मिलकर जल्द ही यह निवेदन करेंगे की गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। इस मौके पर बाबा सूरदास गौशाला के संस्थापक रामकुमार गुप्ता ने बताया कि यह गौशाला तीन साल पहले शुरु की गई थी। और आज यहां 200 से ज्यादा गाय है। उनकी गौशाला में सैकड़ों गाय और बैल हैं. इनमें से ज़्यादातर वो गाय हैं जिन्हें उनके मालिकों ने छोड़ दिया है. वहीं हमने
विकलांग गायों को अलग से जगह बनाकर रखा गया है। और यहां भक्तों की सेवा से यह गौशाला चल रही है।इस मोके पर साथ में विमलेश कुमारी , कल्पना भाटी, कैलाश भाटी, रश्मि भाटी, गोपाल चौहान , पुनीत भाटी भी मोज़ुद रहे