सभी माताओं में गौमाता सबसे अधिक पूज्यनीय – स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद।
श्री नारायण गौशाला में गोपाष्टमी पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। गौओं का पूजन कर उन्हें उत्तम ग्रास दिया गया। इस नारायण गौशाला का संचालन श्री सिद्धदाता आश्रम द्वारा किया जाता है।
इस अवसर पर आश्रम के अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने गौ पूजन कर गौ ग्रास देकर कार्यक्रम प्रारंभ कराया। इस अवसर पर स्वामीजी ने कहा कि गौमाता की सेवा का महत्व इतना अधिक है कि भगवान श्रीकृष्ण ने छह वर्ष की अवस्था में ही गौसेवा प्रारंभ कर दी थी। उन्होंने कहा कि हमारे धर्मग्रंथों में सात माताओं के होने का वृतान्त आता है। इनमें भी गौमाता का स्थान विशेष बताया गया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को गौमाता की सेवा अवश्य ही करनी चाहिए। वह ग्रास की सेवा हो सकती है, गौशाला में दान अथवा अन्य सेवा हो सकती है और गौ को रोटी खिलाने की भी सेवा हो सकती है। लेकिन हमें सेवा करनी अवश्य ही चाहिए।
श्री गुरु महाराज ने सभी उपस्थित भक्तों को हरीनाम संकीर्तन भी करवाया और उन्हें प्रसाद एवं आशीर्वाद भी प्रदान किया। उन्होंने गौसेवा करने वाले सेवादारों की सेवा की अनुशंसा भी की। उन्होंने कहा कि आज गोपाष्टमी पर्व यहां भक्तों के सहयोग से बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया है, आपकी यह सेवा आपको पुण्य प्रदान करने वाली है।