हरियाणा में राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस में मची खींचतान, नेताओं के ‘ज्योतिरादित्य’ बनने का खतरा।
Citymirrors-news-कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन क्या पकड़ा कि अब कई दूसरे नेता भी उनकी राह पर चलने की सोच रहे हैं। खासतौर पर, राज्यसभा चुनाव को लेकर कई दूसरे नेताओं के दिमाग पर ‘ज्योतिरादित्य’ बनने का भूत सवार हो रहा है। ऐसे कई नेताओं ने तो पार्टी आलाकमान तक अपनी बात पहुंचा दी है। इन नेताओं का कहना है कि पार्टी के लिए दशकों से वफादार बने रहे नेताओं को राज्यसभा चुनाव में दरकिनार किया गया, तो वे ‘ज्योतिरादित्य’ बनने से पीछे नहीं हटेंगे। हरियाणा में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। यहां पर राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होना है और एक सीट पर उपचुनाव है।
प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, लिहाजा वह एक सीट जीत सकती है। बशर्तें कहीं कोई क्रॉस वोटिंग जैसा कुछ न हो। भूपेंद्र सिंह हुड्डा चाहते हैं कि उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा में भेजा जाए, जबकि कुमारी शैलजा समेत कई दूसरे नेता खुद राज्यसभा में जाने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
कांग्रेसियों की यही टकराहट कई पार्टी नेताओं को ‘ज्योतिरादित्य’ का अनुसरण करने के लिए उकसा रही है।
गत वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में विभिन्न दलों को जो सीटें मिली हैं, उसके मुताबिक, राज्यसभा की दो सीटों पर भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। भाजपा ने गुरुवार को दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है। विधानसभा में
भाजपा के पास 40 विधायक हैं। सरकार में शामिल सहयोगी दल इनेलो के 10 विधायक हैं। सात निर्दलीय विधायक हैं। इनमें से भाजपा छह विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है। जिस सीट
पर उपचुनाव होना है, वहां कांग्रेस मुकाबले में नहीं है। वजह, पार्टी के पास अपने 31 विधायक हैं। उसे ये सीट जीतने के लिए 15 और विधायक जुटाने पड़ेंगे।मौजूदा परिस्थितियों में यह किसी भी तरह से संभव नहीं माना जा सकता। बाकी की दो सीटें, जहां आम चुनाव होना है, उसमें से एक सीट पर कांग्रेस दावा कर सकती है। प्रदेश के एक बड़े नेता का कहना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस सीट के जरिए अपने बेटे को राज्यसभा में भेजना चाहते हैं